Tuesday, January 4, 2011

इंसानियत एक प्रश्न ...?

आखिर क्योँ इंसान बनाया ..... ?
हे भगवान् कृपा निधान यह कैसा किया है कल्याण ,
आखिर क्योँ बन्दर से बनाया है इंसान .... ?
आज तू क्योँ हुआ है अपनी कृति देखकर हैरान और परेशान ... ?
यह है अधम-अधर्मी-कुल्टित -चालबाज़
जिसने बदले में बनाया है तुम्हें पत्थर से भगवान्...
भगवान् आखिर तू ने क्योँ बनाया इंसान ........ ?
पत्थर सी कठोरता धारण की आज मानव मन ने ,
स्वार्थ-ईर्षा-वासना-संकीर्णता सभी भरे तन -बदन में ....
तभी तो छद्मी धन के लालच में प्राणों से प्रिय
माता-पिता-भाई -दोस्त के खून से हाथों को रंजित कर रहा....?
जांबाजी के नाम पर निज माँ-बहिनो की अस्मत बेहयाई से लूट रहा ....?
आज हर पायल और घूंघट को असमता बचने की खातिर
रणचंडी बनने पर है क्योँ विवश कर रहा .....
भगवान् आखिर तू ने क्योँ इंसान बनाया .....?
आज इस इंसान ने की है बहुत तरक्की
धरा से चाँद सितारों तक फैला रहा अपनी हुकूमत.... !
परमाणु बम बनाकर इसने खुद अपनी मौत का कर लिया इंतजाम ...!
अब कफ़न न बनता है फेंकते और न बनता है ऑढ़ते ,
प्रकृति से लड़ने पर इंसान का होना था सिर्फ यही अंजाम ...?
भगवान् आखिर क्योँ तू ने बनाया इंसान ..... ?
आज़ादी के नाम पर क्योँ भारत को अखंडित से खंडित कर रहे ,
कहीं खालिस्तान तो कहीं गोरखालैंड और अलग काश्मीर की दूषित मांग कर रहे... ?
तुच्छ सत्ता के लालच में आकर देश्द्रोहिओं के हाथ की कठपुतली बन कर
अपने ही भाइयोँ का खून ज़ायके ले-ले कर पी रहे ....?
देश से गरीब मिटाकर ही गरीबी छू मन्तर कर रहे.... !
अमीर बनाते और अमीर यों चंद टुकड़ों की खातिर अपना ज़मीर बेंच रहे ...?
दहेज़ के नाम पर निज बहुओं की नित्य होली जलाते जा रहे .....
वर्ण भेद के नाम पर आज भी सवर्ण-हरिजन यों कत्लेआम करते जा रहे .... ?
भगवान् आखिर क्योँ तू ने बनाया इंसान ..... ?
मानव तू तो है नहीं इंसान बल्कि
तू है पथभ्रस्ट -दलित-कुल्टित दानव महान ....
आज खो गयी है इंसानियत और तो भूल गया भगवान् ...!
धर्म की आड़ में आज भगवन तू क्योँ बंदी बन गया .... ?
अब क्योँ अपने निर्माण पर फूट-फूट कर रोने पर विवश हो गया ....?
भगवान् आखिर क्योँ तू ने बनाया इंसान ..... ?
"कृष्ण" है यह विनती करता अपने आराद्य से,
बने यह देश अखंडित और लौट सके सच्ची इंसानियत ...!
निस्वार्थ-निष्काम-प्रेम-त्याग भावना से कर सके अपनी हैवानियत....!
हम स्वम पर ही करेंगे यह अहसान यदि फिर बन सके सच्चे इंसान ....!
फिर भी नहीं तो सर्वव्यापी-सदा सहाय -निर्बल के बलराम
आखिर क्योँ . क्योँ बनाया तुने दानव से बढकर पापी-अधम- निशाचर यह इंसान ?
#कृष्ण प्रकाश रायजा़दा

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